समय-एक गुरू
समय-एक गुरू
गुरु !
एक रोशनी है
जो अँधेरे में ,
हमें चलना सिखाती है।
हम सबका एक गुरू है
वो समय है।
समय आगे बढ़ता है
कभी नहीं रुकता
कभी बुरा
तो कभी अच्छा होता है।
इंसान हज़ारों गलतियाँ करता है
अपनी इस छोटी-सी जिंदगी में।
समय-वो गुरू है
जो हमें हमारी,
गलतियाँ बतलाता है,
उन्हें ठीक करने की दिशा दिखाता है।
समय !
एक वो गुरू है
जो हमें अच्छे-बुरे का मतलब बताता है
गलतियाँ सुधारने का हुक्म सुनाता है।
जिस तरह शिक्षक का
मन कोई नहीं पढ़ सकता,
उसी तरह समय को
कोई बाँच नहीं सकता।
समय !
कब नया पाठ पढ़़ा दे
यह कोई जान नहीं सकता।
कब हमसे होमवर्क माँग ले
यह भी कोई सोच नहीं सकता।