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Dinesh Sen

Abstract

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Dinesh Sen

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प्रीत

प्रीत

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राधा जब क्रष्णा संग झूले

बीती रात कमल दल फूले


राधा रूप निरख जब 

कान्हा सुध बुध भूले

बीती रात कमल दल फूले


ज्यों उजियारी रात 

रात में मुखड़ा चमके पूरे

बीती रात कमल दल फूले


नयन नयन से मिले

नयन से ज्यों चित चित को छू ले

बीती रात कमल दल फूले



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