STORYMIRROR

प्रीत

प्रीत

1 min
298



रख लो मुझे

तुम पलकों में

मैं भूले से ना

भटक जाऊँ

तेरी जुल्फों के

ही साये में,

मैं चैन से अपनी

रात बिताऊँ !!


उठकर मैं तेरी

छवि देखूं

आनंदित झट

से हो जाऊँ ,

मिलने की निशदिन

चाह लिए

काश करीब

मैं आ जाऊँ !!


सुने में तेरी

क़दमों की आहट

एहसास मुझे

भी होता है

एक क्षण ही नहीं

सारी रातें

तेरे बिन मेरा

यूँ कटता है !!


जो प्रीत लगी है

तुमसे मुझे,

वह कभी मलिन

ना हो पाए !

परिमल फूलों से

ना बिछुड़ सके

जीवन भर

यूँही मुसकाये !!



Rate this content
Log in