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Aarti Ayachit

Romance

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Aarti Ayachit

Romance

प्रीत पुरानी

प्रीत पुरानी

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यादों के पिटारे को दिल से टटोलने लगी हूं

अब कुछ पल मैं अपने लिए जीने लगी हूं !


रात के अंधियारे हो या दिन के उजाले हो

हर सुख-दुख में सिर्फ तुम ही मतवाले हो !


बदलते मौसमों में प्रीत होगी जितनी पुरानी

उतनी ही गहरी नींव लिए गुजरेगी जिंदगानी !


प्रेम और विश्वास की पिचकारी से छिड़कते हर रंग

धूप-छांव के लहराते क्षणों में शामिल हो हम संग !


मझधार में अटकी हुई नैया का किया सदा बेड़ा पार

जिंदगी की राहों में रंगीन फूल खिला बनाया सदाबहार !


हर खुशनुमा-पल को करूं शुक्रिया ऐसा

पुरानी प्रीत का साथ पतंग और डोर जैसा !


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