बिना ठहरे ही मुसलसल सफर तय करना होगा। बिना ठहरे ही मुसलसल सफर तय करना होगा।
तब देखा था जब अपनी ये आँखें खोली थी तब देखा था जब अपनी ये आँखें खोली थी
वही चमक हमारे वजूद में होगी वही खनक हमारी आवाज़ में होगी। वही चमक हमारे वजूद में होगी वही खनक हमारी आवाज़ में होगी।
पुरानी प्रीत का साथ पतंग और डोर जैसा ! पुरानी प्रीत का साथ पतंग और डोर जैसा !
तुम्हें क्या उपहार दूँ आज जो सबसे कीमती न सही सबसे अलग हो. तुम्हें क्या उपहार दूँ आज जो सबसे कीमती न सही सबसे अलग हो.
नशा खुशी का इतना चढ़े, कि याद ना आये ग़म नशा खुशी का इतना चढ़े, कि याद ना आये ग़म