क्या नाराज़ है हमसे जो हमे देखता नहीं क्या नाराज़ है हमसे जो हमे देखता नहीं
हमारे बिन न होगा उनका गुजर थोड़ी सी हल्दी से पीला होना, हमारे बिन न होगा उनका गुजर थोड़ी सी हल्दी से पीला होना,
समझ ना आता इंसान ने खुद को कहां फंसाया सुखमय जीवन को उसने कैसे दुख में उलझाया! समझ ना आता इंसान ने खुद को कहां फंसाया सुखमय जीवन को उसने कैसे दुख में उलझाया...
लिखने को जब वो कहता है तो शब्द मेरे निकलते हैं लिखने को जब वो कहता है तो शब्द मेरे निकलते हैं
नशा खुशी का इतना चढ़े, कि याद ना आये ग़म नशा खुशी का इतना चढ़े, कि याद ना आये ग़म
अश्क लोचन तुम्हारे कभी छू ना सके, त्याग तपस्या की अनमिट कहानी भी है। अश्क लोचन तुम्हारे कभी छू ना सके, त्याग तपस्या की अनमिट कहानी भी है।