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PRATAP CHAUHAN

Tragedy Thriller Children

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PRATAP CHAUHAN

Tragedy Thriller Children

परी मेरी दोस्त

परी मेरी दोस्त

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घर के बाहर बड़ी गेंद से,

खेल रही थी नन्ही गुड़िया।

भाग रही थी इधर-उधर वह, 

घर के आगे थी एक पुलिया।


एक परी यह देख रही थी, 

मस्ती में वह झूम रही थी।

जहां जहां भी गुड़िया जाती, 

उसके साथ परी भी आती।


पैर से ठोकर मार मार कर, 

गेंद से गुड़िया खेल रही थी।

तभी उछलकर कार के आगे, 

बीच सड़क पर गेंद गिरी।


गुड़िया भागी गेंद के पीछे, 

तब उसे बचाने आई परी।

तभी कार के उस ड्राइवर ने, 

बड़ी जोर से ब्रेक लगाए।


ठीक गेंद के पास में आकर, 

तभी अचानक से कार रुकी।

कार के टायर घिसे सड़क से, 

उसकी आवाज ने होश उड़ाए|


जब तक कार चोट पहुंचाती, 

गुड़िया लेकर परी भी भागी।

घबरा गया कार का मालिक, 

 फेंक के भागा कार की चाबी।


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