Shop now in Amazon Great Indian Festival. Click here.
Shop now in Amazon Great Indian Festival. Click here.

Kumar Vikash

Romance

5.0  

Kumar Vikash

Romance

प्रेयसी

प्रेयसी

1 min
334


समुन्दर में कश्तियाँ,

किनारे को तलाशती है।

पहाड़ों में नदियाँ,

समुन्दर को तलाशती है।

अंधेरों में साया,

रोशनी को तलाशता है।

वन में हिरण,

कस्तूरी को तलाशता है।

उपवन में भँवरा,

फूलों को तलाशता है।

काली घटायें,

हवाओं को तलाशती है।

तेल और बाती,

दीये को तलाशती है।

राधा संग गोपियाँ,

मोहन को तलाशती है।

जैसे प्रेयसी अपने,

प्रियतम को तलाशती है।

जैसे प्रेयसी अपने,

प्रियतम को तलाशती है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance