प्रेम
प्रेम
प्रेम जिससे हैं,
दर्पण वो हैं माँ....
हृदय जिससे हैं
अर्पण वो हैं माँ...
करुणा जिससे हैं,
आंचल वो हैं माँ....
दया जिससे हैं,
ममता वो हैं माँ.....
आंचल जिससे हैं,
मेरा वो हैं माँ.....
धूप छाव जिससे हैं,
जीवन वो हैं माँ.....
शब्द नहीं जिससे हैं,
शब्दों का भंडार वो हैं माँ.....
अंतर्मन मेरा जिससे हैं,
दोपहरी का वो हैं माँ.....
संसार सारा जिससे हैं,
चलता वक्त वो हैं माँ....