प्रेम
प्रेम
आप की नजरें इनायत हो गयी
आप से मुझको मुहब्बत हो गयी।
इश्क़ का मुझको नशा ऐसा चढ़ा
अब जमाने से अदावत हो गयी।
तुम मिले सारा जहाँ हमको मिला
यूँ लगे पूरी इबादत हो गयी।।
ये नजर करने लगी शैतानियां
होश खो बैठे कयामत हो गयी।
जिंदगी संग आपके गुजरा करे
सात जन्मों की हकीकत हो गयी।