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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

“ प्रेम -संवाद ”

“ प्रेम -संवाद ”

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जो कहना है मुझे तुमको ,

उसे तुम आज कह डालो !

नहीं दिल में छुपाओ तुम ,

जुबां पर उसको तुम लाओ !!


बहुत सी बात है कहनी ,

शिकायत आप से ही है !

सदा ही दूर रहते हैं ,

गिला सिर्फ़ आप से है !!


मैं जाता हूँ जो तुमसे दूर ,

मुझे अच्छा नहीं लगता !

करूँ तो क्या करूँ प्रियतम ,

मुझे कुछ भी नहीं भाता !


चले जाते कई सावन ,

आँसुओं की धार वहती है !

दिनों के पल गुजरते हैं ,

रात में याद आती है !!


मैं अपनी दिल की बातों से,

तुम्हें अनुमान करता हूँ !

मेरा जो हाल है तुम बिन ,

उसे मैं सब समझता हूँ !!


रहूँगी आप के ही साथ ,

अधूरा अब नहीं रहना !

कसम हमने जो खायी थी ,

जुदा फिर ना कभी होना !!


जो कहना है मुझे तुमको ,

उसे तुम आज कह डालो !

नहीं दिल में छुपाओ तुम ,

जुबां पर उसको तुम लाओ !!

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