प्रेम की झील में डूब कर देखिये
प्रेम की झील में डूब कर देखिये


प्रेम की झील में डूब कर देखिये
मेरे मन को भी पावन बना दीजिये।
मेरे दिल की हर धड़कन तुम्हारे लिये,
भावों की अनुगुंजन समा लीजिये।
नित नये उत्सवों से सजे आँगन ,
मन की शहनाइयों को गुंजा दीजिये।
प्रेम की झील में डूब कर देखिये
मेरे मन को भी पावन बना दीजिये।
चाँद की ला के पायल पहना दूँ तुम्हें ,
प्रेम का एक झरना बहा दीजिये।
अधरों पर सजा कर मृदु हास तुम ,
जमी बर्फ दिल की पिघला दीजिये।
<p>प्रेम की झील में डूब कर देखिये
मेरे मन को भी पावन बना दीजिये।
सुकोमल ह्रदय है तुम्हारा सनम ,
बात मन की हमे भी बता दीजिये।
राह पथरीली लंबी डगर है मगर ,
प्रेम के फूल उस पर बिछा दीजिये।
मेरे हमसफर साथ में तुम चलो ,
अपने घर को तो मंदिर बना दीजिये।
प्रेम की झील में डूब कर देखिये
मेरे मन को भी पावन बना दीजिये ।