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V. Aaradhyaa

Fantasy

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V. Aaradhyaa

Fantasy

प्रेम की बाती उसगाओ रे

प्रेम की बाती उसगाओ रे

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दिल के दीपक में जलाएं हम प्रेम की बाती,

प्रेम और सद्भाव के तेल से जलती है ज्योति !


जब भाव शुद्ध हों मन में परोपकार से निहित,

आतिशबाजी व ठिठोली करें अपनेपन सहित !


उजास फैलाती दीपावली, लेकर आई भाईदूज,

घड़ी अनोखी आई, भाई को आई बहन की सूझ !


बहना जोहे बाट, भाईदूज की रीत जो है निभाना,

भैया टीका लगवाने आए, ना करे वो कोई बहाना !


आज भाई बहन के विशुद्ध प्रेम का उड़ा है विहग,

दिल को भी रौशन करे आज दीपावली की जगमग !



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