प्रेम की बाती उसगाओ रे
प्रेम की बाती उसगाओ रे
दिल के दीपक में जलाएं हम प्रेम की बाती,
प्रेम और सद्भाव के तेल से जलती है ज्योति !
जब भाव शुद्ध हों मन में परोपकार से निहित,
आतिशबाजी व ठिठोली करें अपनेपन सहित !
उजास फैलाती दीपावली, लेकर आई भाईदूज,
घड़ी अनोखी आई, भाई को आई बहन की सूझ !
बहना जोहे बाट, भाईदूज की रीत जो है निभाना,
भैया टीका लगवाने आए, ना करे वो कोई बहाना !
आज भाई बहन के विशुद्ध प्रेम का उड़ा है विहग,
दिल को भी रौशन करे आज दीपावली की जगमग !
