प्रभु-प्रार्थना
प्रभु-प्रार्थना
हे ! प्रभु तुम तेजस्वी,तेज मुझ में स्थापन कर दीजिए।
सदाचार और ऐश्वर्य वर देकर, सच्चा हित मेरा कर दीजिए।।
हे ! प्रभु तुम वीर्यवान, वीर्य मुझ में प्रदान कर दीजिए।
संयमित और ब्रह्मचर्य जीवन कटे,साहस मुझको दीजिए।।
हे ! प्रभु तुम बलशाली, बलवान मुझको कर दीजिए।
सेवा-भाव सहित कर्म करूं, परहित का वर तो दीजिए।।
हे ! प्रभु तुम सामर्थ वान, समरथ शील मुझको कीजिए।
कर सकूं नेकी जीवन में, अहंकार रहित कर दीजिए।।
हे ! प्रभु तुम उत्साह मय, उत्साह मुझ में भर दीजिए।
ध्यान मग्न यह मन सदा रहे, वरद हस्त रख दीजिए।।
हे ! प्रभु तुम महत्त्व वाले, वह महत्त्व प्रदान कर दीजिए।
तुम बिन सूना यह जग है सारा, कृपा अपनी कर दीजिए।।
हे ! प्रभु तुम सहनशक्ति शाली, सहनशक्ति तो दीजिए।
कल्याण हो जग का सारा, निज कृपा तो कर दीजिए।।
