प्रार्थना प्रभु से ।
प्रार्थना प्रभु से ।
मेरे मन पर छाया अज्ञान का अंधेरा है, अब दूर करो यह संताप।
हे ! प्रभु अब तुम ही एक सहारा हो, अब दूर करो मेरे सगरे पाप ।।
तुम ही सृष्टि के निर्माता, पालनकर्ता और संहारक,
तुम ही करते हो प्रकाश, बन जाओ अब संरक्षक,
आप ही करते संशय का नाश, मिटा दो मन का परिताप।।
हे! प्रभु......
जप बल, तप बल और ज्ञान बल का है तुम में भंडार,
मुझ में कमी है इन सभी की, तुम्हारी लीला अपरंपार,
भर -दो, भर -दो ,झोली भर दो, दे दो मुझ को कोई जाप।।
हे! प्रभु.....
मुझ में नहीं कोई सामर्थ जो कर सकूँ, कुछ अर्पित तुझ को,
नतमस्तक ही एकमात्र निवारण, जो उबार सकता है मुझ को,
अब जैसा भी हूं बस तेरा हूं ,तू ही है मेरा मां बाप।।
हे प्रभु अब तुम ही एक सहारा, अब दूर करो "नीरज" के पाप।