पक्षपाती पत्रकारिता
पक्षपाती पत्रकारिता
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ तथाकथित पत्रकारिता माध्यम है,
जिसे हमेशा ही सबसे विशाल विश्वसनीय विश्वकोश होना चाहिए ।१|
जब समाचार संस्था एक बिकाऊ हो जाता है,
तब वह एक अवांछित अनुचित पुराना माध्यम हो जाता है।२|
कोई यथार्थ सवाल-जवाब करने वाला साक्षात्कारकर्ता नहीं है,
अब केवल एक प्रफुल्लित करने वाला चापलूसी चाटुकार अभिनेता है।३|
तथाकथित पत्रकार कभी भी प्राधिकरण से तीखे प्रश्न नहीं पूछता है,
मुख्य अधिकारी को केवल यह बताने की आवश्यकता है कि आम का स्वाद लेना प्राथमिकता है |४|
वो दिन गए जब देश को सच्चाई बताया दिखाया जाता था,
अब प्रवृत्ति यह है कि केवल प्रशासन सच जानना और झूठ को फेंकना चाहता है।५|
अंतरात्मा की पूरी हानि हो चुकी है,
इस प्रकार के मिथ्या प्रचार के माध्यम अब प्रमुखता में हैं |६|
इस समाचार रचनाकारों के पास अपने राष्ट्र की कोई खबर नहीं है,
उनके पास केवल पड़ोसी राष्ट्र की पीड़ाओं से घृणा से भरी खबरें हैं।७|
यथार्थवाद के पुन: प्रस्तुति हेतु न तो कोई मूल्य हैं और न ही सत्यवादी प्रस्तुतकर्ता,
प्रवंचक पदाधिकारीवर्ग ऊपर से स्पष्ट निष्कपट लोकतांत्रिक उद्घोषकों से घृणा करती है|८|
दर्शकों को अपने चूक का कोई अनुमान पूर्वानुमान नहीं है,
दोनों प्रसार प्रचार माध्यम और प्रजा ही नहीं जानते कि करना क्या है |९|
सत्यता संवेदनशीलता वास्तविकता बहुत दूर है,
अंधी पक्षपाती पत्रकारिता ने गंभीरता से इसे जानबूझकर अंधे-कुँए में खो दिया है।१०|