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Kanchan Prabha

Abstract Romance Fantasy

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Kanchan Prabha

Abstract Romance Fantasy

पिया संग होली

पिया संग होली

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खेलूँ मैं पिया संग होली 

समझे मुझको तू क्यों भोली

उड़ाऊँ रंंग उड़ाऊँ अबीर

चल सखी यमुना के तीर

आज तो होली जम कर होगी

भागे कहाँ तू बन कर जोगी

रंग बिरंगी आसमान है

ओ पिया कहाँ तेरा ध्यान है

आजा अब तू खेल ले होली

खा कर थोड़ी भांग की गोली

आज गोपियों से बच बच कर 

भाग कहाँ तू पायेगा 

है तरकीब अनोखी यहाँ पर 

हार कर यहीं तू आयेगा

आ कर मुख रंगीन कर ले

राधे कृष्ण सा रास रच ले

रंगों से तन मन को सज ले


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