STORYMIRROR

Shayra dr. Zeenat ahsaan

Romance

4  

Shayra dr. Zeenat ahsaan

Romance

फूलों के मौसम अा गए

फूलों के मौसम अा गए

1 min
507

पतझड़ों के दिन गए फूलों के मौसम आ गए

भूलने वाले तेरी यादों के मौसम आ गए

गांव की चंचल हसीनाओं ने ये मिलकर कहा

चल सहेली बाग में झूलों के मौसम आ गए


वो हमारे साथ था तो खुशबहाली कम न थी

वो जुदा हमसे हुआ अश्कों के मौसम आ गए

जुल्फें और रुखसार की बातें मिलेगी आपको

थाम कर दिल बैठिए ग़ज़लों के मौसम आ गए


व वजु अश्कों से आंखे और इबादत उनकी याद

ऐ सा लगता है मेरे सजदों के मौसम आ गए

जब से ज़ीनत गांव का मुखिया बनाया है उसे 

अस्मतें लूटने लगी शोलों के मौसम आ गए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance