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Anil Jaswal

Abstract

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Anil Jaswal

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फटी जेब।

फटी जेब।

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अगर फटी हो जेब,

तो धारणाएं अनेक,

मानो पैसे की परवाह न हो,

कोई धन-दौलत का नशा न हो,

जो भी पाए,


दान में जाए,

बस‌ खाली पेट सो जाए,

फिर कमाए,

जन कल्याण में लगाए।


दूसरी बात सोचता,

लापरवाह दिखता,

जो पैसे का न रखें ख्याल,

कैसे चला पाएगा घर-संसार।


तीसरी बात सोचता,

अपनों जैसा दिखता,

ठगों ने लूटा इसको,

खाली कर दिया जेब को,

अब समझाओ कोई इसको,

थोड़ा सावधानी से निकलो।


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