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संजय असवाल "नूतन"

Action Classics Inspirational

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संजय असवाल "नूतन"

Action Classics Inspirational

फर्क साफ नज़र आएगा..!

फर्क साफ नज़र आएगा..!

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पथरीले राहों पर चल कर

संघर्षों में तपकर

जब तू कुंदन बन जायेगा 

दुनियां को फर्क साफ़ नजर आएगा।


आसमां का सीना चीर कर

नदियों की धारा मोड़ कर

जब तू अपना अलग ही मुकाम बनाएगा

दुनियां को फर्क साफ नज़र आएगा।।


क्रोध,लोभ और ईर्ष्या त्यागकर

सत्य, करुणा और प्रेम का भाव 

जब तू दिल में जगाएगा 

दुनियां को फर्क साफ नज़र आएगा ।


मन के रावण को मारकर 

अहंकार को खुद से त्यागकर

जब तू खुद में ही राम को जगाएगा 

दुनियां को फर्क साफ नज़र आएगा।।


सत्य के पथ पर अग्रसर होकर

ज्ञान की मशाल हाथों में लेकर 

जब तू अज्ञानता की परछाई मिटाएगा

दुनियां को फर्क साफ नजर आएगा।


रूढ़िवादी जंजीरों को तोड़कर

अपने ख्वाबों को नई ऊंचाइयां देकर

जब तू हंसते मुस्कुराते बस बढ़ता जायेगा

दुनियां को फर्क साफ नज़र आएगा।।


दूसरों के दर्द में डूबकर

बुरे वक्त में हम साया उनका बनकर

जब आंसुओं को उनके तू मिटाएगा 

दुनियां को फर्क साफ नज़र आएगा।


अपने हौसलों को एक नई उड़ान देकर 

अपनी खुशियों को सबमें बांट कर

जब तू रोशन चिराग हर कोने में जगमगाएगा

दुनियां को फर्क साफ नज़र आएगा।।


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