STORYMIRROR

Chandrakala Bhartiya

Romance

4  

Chandrakala Bhartiya

Romance

पहली मोहब्बत

पहली मोहब्बत

1 min
236


जब से देखी एक झलक तुम्हारी, 

दिल खो गया प्यार में सनम, 

रात दिन आठों याम खयाल, 

तुम्हारा ही रहता मुझको सनम ।।


एहसास- ए- मोहब्बत

इस कदर समाया सांसो में मेरी, 

गुदगुदी सी होने लगती दिल में, 

हर घड़ी, हर पल।।


न छूने की चाह, न पाने की तमन्ना, 

आंखें मूंदकर तुम्हें 

शिद्दत से महसूस करती हूंँ ।

सपनों में जब तुम आते हो, 

दिल का सब हाल कहती हूँ ।।


अपलक निहारती तुमको, 

ओझल होने से डरती हूँ ।

सपनों की दुनिया, प्यारी बड़ी लगती।

कभी टूटे ना सपना मेरा, 

यही दुआ रब से करती हूँ ।।


तुम ही से प्यार करती हूँ, 

करती ही रहूंगी सदा ।

तुम चाहो, न चाहो मुझे, 

मैंने तुम्हें दिल में बसाया है। 

यह प्यार न होगा कम, 

मेरे महबूब, मेरे सनम।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance