पहली मोहब्बत
पहली मोहब्बत
जब से देखी एक झलक तुम्हारी,
दिल खो गया प्यार में सनम,
रात दिन आठों याम खयाल,
तुम्हारा ही रहता मुझको सनम ।।
एहसास- ए- मोहब्बत
इस कदर समाया सांसो में मेरी,
गुदगुदी सी होने लगती दिल में,
हर घड़ी, हर पल।।
न छूने की चाह, न पाने की तमन्ना,
आंखें मूंदकर तुम्हें
शिद्दत से महसूस करती हूंँ ।
सपनों में जब तुम आते हो,
दिल का सब हाल कहती हूँ ।।
अपलक निहारती तुमको,
ओझल होने से डरती हूँ ।
सपनों की दुनिया, प्यारी बड़ी लगती।
कभी टूटे ना सपना मेरा,
यही दुआ रब से करती हूँ ।।
तुम ही से प्यार करती हूँ,
करती ही रहूंगी सदा ।
तुम चाहो, न चाहो मुझे,
मैंने तुम्हें दिल में बसाया है।
यह प्यार न होगा कम,
मेरे महबूब, मेरे सनम।।

