STORYMIRROR

Madhavi Solanki

Romance Action

4  

Madhavi Solanki

Romance Action

पहली दफ़ा देखा तुझे...

पहली दफ़ा देखा तुझे...

2 mins
317

पहली दफ़ा देखा तुझे, छाया है ऐसा सुरूर सनम ...

रह ना सके के एक पल के लिए भी तुझ से दूर सनम ..

पहली दफ़ा देखा तुझे, ना जाने कहाँ खो से गए है,

अब तो तुम बिन ये मन कहीं लगता नहीं है,

हर पल मन करता है सब छोड़ के तुम्हारे पास चली आऊँ,  

कभी तुम मुझे नज़र आते हो मेरी बांहों में,

जहाँ से कोई मुझे तुमसे दूर नहीं कर सकता,

एक सुकून सा मिलता है इस नज़ारे से,

और पल ही हकीकत से रूबरू होती हूं कि फिर ये सपना निकला 

पहली दफा देखा था तुझे, तभी हम खो गए थे तुम्हारी इस शराबी आँखों के जादू में,

जिस ने आज तक मुझे तुम्हारे नशे में रखा है,

बहुत ही दूर हो तुम फिर भी लगता है मेरे पास हो तुम 

घायल सा ये दिल तुम्हारे प्यार में तुम्हारे इंतज़ार में यूँ ही ख़त लिखता है

पर तुम तक पहुंचा नहीं सकता, क्योंकि हम आज तक मिले नहीं,

पता नहीं पहली दफ़ा देखा था तुझे ऐसा लग रहा था कुछ पुराना नाता है हमारा

इस लिए तो हम पागल हो गए है, ये दिल इतना भी पागल नहीं है की

यूँ ही ऐसे किसी पर भी फ़िदा हो जाए,

पहली दफा देखा तुझे, तुझ को ही मान लिया है मेरा सिंदूर,

आना ही पड़ेगा तुझको ये मेरा ये सिंदूर बन के,

क्योंकि तेरे बिना अब जीना मुमकिन नहीं ...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance