पहला प्यार
पहला प्यार
पहले प्यार कि पहली सर
दिल पे छप गई
तेरी मेरी भेट
मन में उतर गई
प्यार था एक दूसरे से
बहुत ज्यादा
न जाने अधूरा रहे गया
इंतजार था आपका सखी
आपके घर के सामने से
जाते वक्त
अपने आप मेरी गर्दन मुड़ जाती है
सखी तुम्हारी शादी हो गई
तुम्हारा सुखी संसार देखकर
मन में शांति छा गई
मेरे में क्या कमी थी
तुम मुझे छोड़ के चली गयी
आज के दिन भी तुम्हारी याद आती है
आज भी तुम्हारा इंतजार है
शादी मेरी भी हो चुकी है
मेरी बीबी बहुत अच्छी है
सब कुछ अच्छा है
फिर भी तेरी कमी खलती है
बहुत सालों बाद
मैं तुम्हारे द्वार पे आया हूँ
फिर से तू मेरी होगी क्या
तुम अकेली मैं अकेला
मेरी पत्नी नहीं तुम्हारा पति नहीं
चलो फिर से जिंदगी जीते है
सखी चुपचाप सी हो गई
बच्चों को हमारी जरूरत है
हमें बच्चों की जरूरत है सखी
बिना सोचे सखी नेहा बोली
अधूरे प्यार को मंजिल मिल गई
दोनों के साथ ने हृदयस्पर्शी
मिलन हो गया
बची हुई जिंदगी को
उजाला मिल गया
नहीं जवाबदारी का टेन्शन
नाही काम व्याप
तू और मैं बुढ़ापे में
खुशी से जिंदगी जीयेंगे
प्यार की खुशबु
फिर से फैलायेंगे