फिर जानो कि इश्क हुआ
फिर जानो कि इश्क हुआ
पोर पोर पीड़ा मुस्काये, तो समझो कि इश्क़ हुआ,
एक के पीछे दुनिया भुलाये, तो जानो कि इश्क़ हुआ।
बेशरम ये नजर हुई तो समझो कि इश्क़ हुआ,
सुधबुध अपनी बौरायी तो जानो कि इश्क़ हुआ।
अश्कों की चाशनी में आँखें सूजी तो समझो कि इश्क़ हुआ,
बेवजह जब पलकें भींगे तो जानो कि इश्क़ हुआ।
शौक से गम को गले लगाओ तो समझो कि इश्क़ हुआ,
खुद मिटकर जब जीना चाहो फिर जानो कि इश्क़ हुआ।