फेफड़ो में बसाया मैंने
फेफड़ो में बसाया मैंने
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तुम्हें दिल में नहीं, फेफड़ों में बसाया मैंने।
दिल से भी बड़े हिस्से में छुपाया मैंने।
लोग झूठ कहते हैं तुम्हारी याद आती है।
तुम्हें साँसों में आक्सीजन बनाया मैंने।
दिल की बातें जहान करता रहा,
फेफड़ो की अहमियत बताया मैंने।
तेरे होने से ही आवाजाही सांसों की,
बिना तेरे जीवन ये गवाया मैंने।