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S.Dayal Singh

Abstract Inspirational

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S.Dayal Singh

Abstract Inspirational

मनुष्य और पेड़

मनुष्य और पेड़

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**मनुष्य और पेड़**
मनुष्य और पेड़ में
गहरा नाता है,
मनुष्य पेड़ के सहारे,
ही जी पाता है।
पेड़ जब पौधा और
आदमी जब बच्चा होता है

दोनों पर स्नेह आता है 

दोनों का तन नाजुक

व कच्चा होता है।

सांभ-सम्भाल के लिए
कई साल लगते है,
बच्चा जवान होने पर
पौधा पेड़ बनने पर
सुन्दर लगते है।
पेड़ फल फूल चारा ईंधन
छाया जीवन देता है,
मनुष्य कुल्हाड़ी से  
पेड़ की जान ले लेता है।
स्वार्थी मनुष्य पेड़ों का
अनुचित लाभ उठाता है,
निस्वार्थ पेड़ मनुष्य पर
अपना सर्वत्र लुटाता है।
आदमी बूढ़ा हो जाता है,
पेड़ भी वृक्ष बन जाता है
दोनों का शारीरिक
विकास रूक जाता है,
झुर्रियां घेर लेती है
तन झुक जाता है।
अंततः
आदमी मरकर,वृक्ष
सूखकर गिर जाता है,
'गिरा हुआ मनुष्य' काम नहीं आता
वृक्ष गिरकर भी काम आता है।
मनुष्य तो पेड़ का साथ
छोड़ जाता है,परंतु
पेड़ अंतिम संस्कार तक
मनुष्य का साथ निभाता है।
जलकर मनुष्य के साथ
पेड़ भी राख हो जाता है,
मनुष्य और पेड़ का
इस तरह जीवन सफर 
ख़त्म हो जाता है।
आज सांस के लिए
आक्सीजन सिलेंडर क्यों
लगवाना पड़ रहा है?
पर्यावरण संरक्षण दिवस
क्यों मनाना पड़ रहा है ?
जन जन को बताना होगा
पेड़-पौधों का महत्व
समझाना होगा,
आओ!पर्यावरण बचाएं,
जिससे जितने हो सके
उतने पौधे अवश्य लगाएं।

--एस.दयाल सिंह--





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