पौधा मुस्कराया…॥
पौधा मुस्कराया…॥
नन्ही सी कली ने एक बीज उगाया,
गमले में मिट्टी, खाद और बीज मिलाया।
नित सींचा एक लोटे पानी से कली ने,
प्यार देख कली का, एक दिन पौधा मुस्कराया।
आँखें खोल कर नन्हे पौधे ने ली अंगड़ाई,
मगर अभी भी जरुरत है सतत सिंचाई।
एक अनोखी नई शक्ति उसके तन में आई,
कली को लग रहा उसकी मेहनत रंग लाई।
इंतज़ार है नन्ही कली को, उस कली से,
खिल जाये फूल उसकी मेहनत के।
पुलकित सा चेहरा खिल जाये उस कली का,
धैर्य रख, आशा है पौधे की सेहत से।
नित सूरज की रोशनी,प्यार, दुलार दे उसको,
कली को प्रतीक्षा है एक सुन्दर फल की।
मेहनत रंग लाएगी कली की एक दिन,
ये निष्ठा है उसको, उसके कर्मफल की।
