पैसा ही सबकुछ नहीं
पैसा ही सबकुछ नहीं
जिंदगी में पैसा ही सब कुछ नहीं
इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं
पैसा तो केवल आदान प्रदान का एक रुप है
पैसा ही है ज़िंदगी यह सब झुठ है
पैसे से ही सब कुछ नहीं मिल सकता
पैसे से स्वास्थ्य नहीं मिलता
पैसे तो हैं, मगर चैन नहीं मिलता
पैसे तो है मगर नींद नहीं मिलता
पैसा से कभी संस्कार नहीं मिलता
सब कुछ मिल जायेगा पैसे से,
लेकिन हर वक्त खुशी नहीं मिलता
पैसा क्या यह तो कुछ नहीं
ज़िंदगी से बड़ा कोई दौलत नहीं
जब तक जान है, तब तक पैसे हैं
मर जाने के बाद सब यहीं धरे रह जायेंगे
पैसा एक दिन किसी काम न आयेंगे।