पापा होते ही ऐसे है
पापा होते ही ऐसे है
मिट्टी से वो भी होता है बना
फिर भी हिमालय से ऊँचा कद उनका
को नसा अलग दिल रब्बा तूने उनमें धड़का दिया
फिर कहां अपने जज्बातों को उसने छिपा लिया
क्यों नक़ाब से रहता है वो हमेशा ढ़का
कठोरता के आवरण से नारियल सा खुद को बना लिया
अपने मन की कोमलता का ना करता कभी दिखावा
भगवान से कम ना होता है उनका दर्जा
पापा होते ही ऐसे है जो रखता है ऐसा रुतबा
बच्चों की खुशीयों के लिये अपने को दांव पर लगा दिया
चेहरे पर ना कभी परेशानी के भाव का दिखावा किया
साहस उनमें जाने कहां से आता है इतना
देखता हूँ ज़ालिम दर्द में लड़ता है वो कितना
आसमान सा फैलता है उनका होसला
उनसे ही परिवार का होता है हर भला
जिससे वो किसी संकट में ना बेबस पड़ा
बच्चों के लिये जमाने से डटकर है लड़ा
पापा होते ही ऐसे है जो रखता है रब सा रुतबा
हजारों तारों सा उनका है प्रकाश
ना खोने देना उन पर जो है विश्वास
परिवार की पहचान का है वो प्रमाण
सुबह - शाम करना सदा उनको प्रणाम
उनकी विचारधारा से कभी ना लड़ना
जिद्द करके उनसे ना तुम कभी अड़ना
निराशा में तुम उनको यूँ ही ना डुबो देना
वो है तो संसार में तुम्हारा होगा गुणगान
पापा होते ही ऐसे है जो होते है बच्चों का अभिमान।