ओस बिन्दु दूर्वा दल पर
ओस बिन्दु दूर्वा दल पर
सुनहरी धूप
घास का विस्तार
हरी दूब पर ओस बिन्दु में
मोती हीरे माणिक बिखरे,
सूर्य चमका
चिड़ियों का शोर,
ऊँचे सुन्दर पेड़
सब ओर शान्त वातावरण ।
हलचल से दूर
एकान्त परिवेश,
किसी को अच्छा लगे
प्रसन्न हो,
कोई घबराये
यहॉं रुकना न चाहे,
अलग अलग दृष्टि
अलग अलग सोच ।
पर
परिवर्तन सुखद
नवीन प्रातः
परिवर्तन लाये।
प्रकृति का सान्निध्य
सुखद लगे,
शान्त वातावरण
मुखरित
चिड़ियों के संगीत से
मन विश्राम पाये ।