Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

वैशाली सिंह

Classics Inspirational

4  

वैशाली सिंह

Classics Inspirational

ओ सांवरिया

ओ सांवरिया

1 min
313


कैसे समझ जाते हो तुम मेरे जज्बात 

तुम हो अगर साथ तो डरने की क्या बात।


तुम्हारा एहसास अनूठा है 

जो नकारे अस्तित्व तुम्हारा 

कितना वो झूठा है।


कौन है इस दुनिया में अपना 

है मुझे बस तेरा सहारा 

लगाते हो सबको पार 

बताओ मेरा भी कोई किनारा।


तेरी आंखों में गहराई है 

मेरे साथ रहे हमेशा 

वो तेरी ही परछाई है।


लगन तुझसे बैठे हम लगा 

यहाँ न कोई पराया न है कोई सगा 

तुझी से अब है वास्ता 

टूट कर नहीं है बिखरना चाहे कोई अब दे दगा।


इस दुनिया मे मिलते बिछड़ते है 

मोह माया में सब उलझते हैं 

हमें दुनिया से बिछड़ने का ग़म नहीं 

हम तुझसे मिलने को तरसते हैं।


भव्य तेरा सजा मंदिर 

मैं तो जाऊँगी बलिहारी 

अब तो दर्शन दो न मोहन 

मेरे प्रियतम, बांके बिहारी।


भूल हुई मुझसे जो मैं थी अंजान 

मेरी जिंदगी की अब तुम्हारे हाथों है कमान 

रुकता नहीं ये आंसुओ का दरिया 

मुझे ले लो अपनी शरण ओ सांवरिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics