शब्दों की गहराईयों में उतरते चले जाना है, मुझे लिखना है बस लिखते चले जाना है
जो कहीं चला वो जाता था कुछ उसका कहीं खो जाता था जो कहीं चला वो जाता था कुछ उसका कहीं खो जाता था
हिन्दी अभिमान हमारा है सभी बोलें ये नारा है हिन्दी अभिमान हमारा है सभी बोलें ये नारा है
भाई भी खूब मानता था नई नई तरकीबें अपनाता था भाई भी खूब मानता था नई नई तरकीबें अपनाता था
वो है गृह लक्ष्मी लक्ष्मी का रूप कभी बने दुर्गा कभी वो ले शारदा का रूप। वो है गृह लक्ष्मी लक्ष्मी का रूप कभी बने दुर्गा कभी वो ले शारदा का र...
मिलेंगे ख्वाबों में तुम्हें अब ये है मेरी आशा मेरी भी हैं कुछ अभिलाषा मिलेंगे ख्वाबों में तुम्हें अब ये है मेरी आशा मेरी भी हैं कुछ अभिलाषा
रुकता नहीं ये आंसुओ का दरिया मुझे ले लो अपनी शरण ओ सांवरिया। रुकता नहीं ये आंसुओ का दरिया मुझे ले लो अपनी शरण ओ सांवरिया।
वो हंसना और मनाना कुछ दिल की बातें कर जाना। वो हंसना और मनाना कुछ दिल की बातें कर जाना।
प्रेम से हो घृणा का संहार प्रेम में जिये सारा संसार। प्रेम से हो घृणा का संहार प्रेम में जिये सारा संसार।
तू मिल जाए फिर तो मौत से भी क्या डरना। तू मिल जाए फिर तो मौत से भी क्या डरना।