शब्दों की गहराईयों में उतरते चले जाना है, मुझे लिखना है बस लिखते चले जाना है
मुझे कृपा की नहीं कृपाकार की दरकार है
एक पुरानी साँझ की अपेक्षा इंतजार करो नई सुबह का
"जिंदगी से हारने वाले तेरे जीने का अभी तजुर्बा ही क्या था "