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Divyanshi Triguna

Romance

4  

Divyanshi Triguna

Romance

ओ सांवरिया तुम घर आए......

ओ सांवरिया तुम घर आए......

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देखन से तुझको नैना भर आए ,

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

पग-पग तेरे आंगन छाए,

    ओ सांवरिया तुम घर आए । 

दिल, धड़कन से प्यार निभाए,

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

तेरी सूरत मेरी अँखियों में समाए,

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

मेरे दिल के आसमां में, मेघ ही छाए, 

सुनो मेरी सारी व्यथा, हाल सुनाए

किया इंतजार मैंने, पल-पल सताए,

    ओ सांवरिया तुम घर आए । 

पूछू मैं अपने भगवान से, कैसा यह रिश्ता बनाए, 

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

देखो इस फूल को भी, यह भी मुस्कराए,

सुनके तेरा आना, यह भी शर्माए, 

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

हर जगह तुम ही, तुम सब दिखने लगे हो,

तू ही अब सब जग में समाए, 

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

मोती, मोती, मोती सा है, तेरा सब कहना,

मैंने उन सब को मन में पिरोए,

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

खुशबू बन गए हो मेरी, तन में समाए,

जाने ये कैसा साथ निभाएः,

    ओ सांवरिया तुम घर आए । 

दूर-दूर रहकर भी यह प्रेम निभाए, 

मुझको सबसे ज्यादा तू चाहे, 

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।

देखन से तुझको नैना भर आए ,

    ओ सांवरिया तुम घर आए ।


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