ओ हमजोली
ओ हमजोली
ओ हमजोली रे ओ हमजोली।
आओ मनाएं मिलकर होली।
ऐसा रंग तू मोहे लगाना ,
भूल जाऊं मैं सारा ज़माना।
याद रहे बस रंगों की होली,
ओ हमजोली
तुम संग जो मैं प्रीत लगाई,
सारे जग से हुई मैं पराई।
तेरी प्रीत संग जागी मैं सो ली।
ओ हमजोली
रंग लगाने जब तुम आना,
अपने संग मुझ को ले जाना।
अब नहीं रहना मुझ को अकेली,
ओ हमजोली
मैंने निभाई प्रीत की रस्में,
तुम संग जीने मरने की कसमें ।
किसी मुश्किल में मैं ना डोली,
ओ हमजोली
ख़ुशियों भरा हो अपना जीवन,
रंगों में खेले यह तन मन।
खत्म ना हो कभी यह होली,
ओ हमजोली