नया रंग है....
नया रंग है....
बदले है कुछ मिजाज़ अपने,
बदला कुछ अपना ढंग है...
नए शहर की नई भागदौड़ में,
चढ़ा नया एक रंग हैं...
हमसफ़र जुड़ गए हैं कई सारे,
सफ़र में हाथ बटाने को...
वक्त मिल गया है ढेर सारा,
दिल को अब समझाने को...
दिन की दीवानगी अलग सी है,
रात भी होते मलंग है...
नए शहर की नई भागदौड़ में,
चढ़ा नया एक रंग हैं...
सन्नाटों में सुकून की,
होती अब तलाश है...
दिल में जो रहते थे हरदम,
रहते नहीं अब पास हैं...
अपने भले साथ ना हो,
अपुन रहता अपने संग हैं...
नए शहर की नई भागदौड़ में,
चढ़ा नया एक रंग हैं...
बदले है कुछ मिजाज़ अपने,
बदला कुछ अपना ढंग है...
नए शहर की नई भागदौड़ में,
चढ़ा नया एक रंग हैं...
