Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anil Gupta

Classics

4  

Anil Gupta

Classics

नवगीत

नवगीत

1 min
348


आओ हम विश्वास जगाएं

नारी का सम्मान बढ़ाएं

नारी गुण की खान बनी है

नारी जग की शान बनी है

 सीमा पर प्रहरी बन उसने 

दुश्मन का संहार किया है

आओ उसके मन आँगन में

खुशियों का विस्तार कराएं

नारी का सम्मान बढ़ाएं।


गुड़ियों की शादी से लेकर

सखियों के संग शाला जाकर

मात पिता के साए में ही

बिटिया का बचपन बीता है

अल्हड़ वय में उड़नपरी ने

अपने सपनो को सींचा है

खेल खिलोने घर मे रखकर

मुश्किल को आसान किया है

कोमल मन की उस देवी में

साहस का नव भाव जगाएं

नारी का सम्मान बढ़ाएं।


हिम चोटी पर वह पहुंची है

अंतरिक्ष में जा लोटी है

इंदिरा बनकर बंग्लादेश का

उसने नव निर्माण किया है

कान्हा भजन सुना मीरा ने

जन जन का उद्धार किया है

उस दुर्गा और सावित्री में

साहस का उन्वान जगाएं

नारी का सम्मान बढ़ाएं।


घर की चौखट से जब निकली

 जीवन भर संग्राम किया है

खड़ग उठाकर उस देवी ने

मातृभूमि संग न्याय किया है

पूर्वाचल से अस्ताचल तक

शोषित को अधिकार दिलाएं

महिला दिवस पर उसके शौर्य की

रक्तिम श्वेत ध्वजा लहराएं

नारी का सम्मान बढ़ाएं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics