नसीब का लिखा
नसीब का लिखा
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नसीब का लिखा कोई छीन सकता नहीं
नसीब में नहीं हो तो कोई दे सकता नहीं
तू किस बात की फ़िक्र करता है, साखी
भाग्य से ज्यादा कुछ मिल सकता नहीं
गर किसी आईने में तस्वीर नहीं हो तो,
कोई भी उसका चेहरा देख सकता नहीं
नसीब का लिखा कोई छीन सकता नहीं
तेरा कर्म पर अधिकार है, फल पर नहीं,
आम लगाने से कभी बबूल मिलता नहीं
जो दूसरों के लिये दीप बनकर जलते है,
उनके जीवन में खुदा अंधेरा करता नहीं
नसीब का लिखा कोई छीन सकता नहीं
ये सत्य है, मेहनत बिना भाग्य बनता नहीं