STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

"नशा छोड़ो"

"नशा छोड़ो"

1 min
1.3K


जो भी आदमी करते है, धूम्रपान

उनको कैंसर का मिलता है, दान

इसलिये बंद कर दे, नशा तमाम

जीओगे ज्यादा, खिलेगा जहान

परिवार में लानी है, गर मुस्कान

तोड़े नशे की हर तरह से टांग

वही देश बनता है, बड़ा महान

जहां होती नशे की रोकथाम

किसी नशे का नामोनिशान

करता वहां स्वास्थ्य नुकसान

छोड़ दो आप तम्बाकू खाना

छोड़ दो आप लोग धूम्रपान

छोड़ दो शराब, अफीम, गांजा

नशे से मिट गये, कई खानदान

नशा है, साखी एक ऐसा शैतान

पनाह देनेवाले के छीनता प्राण

नशे के भी होते है, कई प्रकार

किसी को यहां नशा रूप का

किसी को यहां नशा धूप का

कोई दौलत पर करे, अभिमान

कोई शक्ति का करे, गुणगान

कोई विद्या को बताये महान

पर साखी टिकता न कोई नशा,

रावण, कंस, कौरव से हो शैतान

या तिलोतमा सौंदर्य अभिमान

वक्त लेता, नशे के साथ ही जान

इसलिये त्यागो, हर नशा इंसान

बनेगी धरती स्वर्ग जैसा स्थान।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy