नन्ही परी
नन्ही परी
ऐ नन्ही परी,
माँ के आँचल के तले,
बाबा की सुरक्षित छाया को ओढ़े,
आज रात प्यारी सी निंदिया में खो जाना...
अगर डर लगे तो,
माँ बाबा की उंगलियों को थाम लेना...
इस दरिंदगी से भरे शहर की,
परछाई भी अपने मासूमियत पर पड़ने ना देना...
क्यूंकि,
तेरी आबरू को ख़तम करने के लिए,
शहर के हर कोणॆ पर हैवान खड़े हैं...
तेरे वज़ूद को मिटाने के लिए,
इन शैतानों ने अपनी ईमान को कब्र में दफ़न किया है...