मोहब्बत, ज़िन्दगी की हसीन गलती
मोहब्बत, ज़िन्दगी की हसीन गलती
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नफ़रत नहीं होगी तुझसे
क्यूंकि तुझसे बेइंतहां
मोहब्बत की है मैंने।
मगर हां,
इबादत नहीं करूंगी
अब तेरी क्यूंकि अब तुझे
अपनी मोहब्बत से
आज़ाद किया है मैंने।
नफ़रत नहीं होगी तुझसे
क्यूंकि तुझसे बेइंतहां
मोहब्बत की है मैंने।
मगर हां,
इबादत नहीं करूंगी
अब तेरी क्यूंकि अब तुझे
अपनी मोहब्बत से
आज़ाद किया है मैंने।