निर्दोष धूप ..
निर्दोष धूप ..
नर्म तपिश धूप की सहलाती भी है,
जो उग्र हो जाए तो जलाती भी है,
दोष उस धूप को दो नहीं,
कमी तो आपकी समझ की है
आपको वक़्त के साथ,
जो सम्हालती ही नहीं।
नर्म तपिश धूप की सहलाती भी है,
जो उग्र हो जाए तो जलाती भी है,
दोष उस धूप को दो नहीं,
कमी तो आपकी समझ की है
आपको वक़्त के साथ,
जो सम्हालती ही नहीं।