निराकार से साकार
निराकार से साकार
शब्द साकार थे,
भावनाएं निराकार हैं मेरी
निराकार में साकार का
विलय ही
कविता है मेरी
मन की अनुभूतियों को
शब्दों में पिरो कर
खुशी और गम के
सितारों से सजा कर
प्यार का अनोखा सा
बंधन बना कर
एहसासों के सागर
की अतल गहराइयों से,
मोती चुन कर लाई
और निराकार को
साकार कर
छोटी - छोटी कविताओं को
अंकुरित करके------
स्टोरी मिरर पर-----
कविताओं का बाग लगाया मैंने।