STORYMIRROR

Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Classics Inspirational

4  

Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Classics Inspirational

राजसी है बैंगनी

राजसी है बैंगनी

1 min
9

नीली आसमानी कजराई, सूर्योदय लाली

इन दोनों के मिलन से बना बैंगनी सुताली


शांत सागर की गहराई, फूलों की अमराई

दोनों के मिलन से बना बैंगनी रंग सच्चाई 


रहस्यमयी रंग , कल्पना की उड़ान भरी

दिल की गहराई छूता, बैंगनी शाही खरी


ये राजसी बैंगनी रंग सुखद और ऐश्वर्य का 

गहरे देखें, यह संगम ज्ञान और शक्ति का 


बैंगनी रंग अनोखा है, हर रंग से थोड़ा भिन्न

अपनी सुंदरता से सबको मोहे होये न खिन्न।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics