जिंदगी
जिंदगी
कभी खूबसूरत फूलों का घर है जिंदगी,
कभी छल फरेब और डर है जिंदगी ।
कभी रौशनी से घिरी डगर है जिंदगी,
कभी मुश्किलों से भरा सफर है जिंदगी।।
ये हर पल नई है , कहने को पुरानी है ,
उलझनों में उलझे बुढ़ापा और जवानी है।
बदल जाती है पल भर में, कभी ठहर जाती है,
यहां सब लोगो की अलग कहानी है।।
कच्ची ईंटो का बना , पक्का घर है जिंदगी।
रोते मुस्कुराते काटी गई एक उमर है जिंदगी।।
मुठ्ठी में उठाई हुई रेत भर है जिंदगी ,
सोच, विचार, तरकीब और फिकर है जिंदगी।
कभी रौशनी से घिरी डगर है जिंदगी,
कभी मुश्किलों से भरा सफर है जिंदगी।