नहीं सहे पाता ये तनहाई
नहीं सहे पाता ये तनहाई
इंतजार करके मैं थक गया हूं,
गज़ब की है ये आदत तेरी,
वादा करके तड़पाती है तू ,
अब नहीं सहे पाता ये तनहाई।
सावन की घटा में बुलाती है मुझ को,
सूरत तू कभी दिखाती नहीं ,
छुपकर तू तरसाती है मुझ को,
अब नहीं सहे पाता ये तनहाई।
तू मुझे चाहे, मैं तुझे चाहूं
मुझ को क्यूं तू समझती नहीं ,
याद सताती है मुझे तेरी हर पल,
अब नहीं सहे पाता ये तनहाई।
चांदनी रात में बुलाता हूं तुझ को,
चल मनाएंगे मिलन रात सारी,
"मुरली" दिल में समाऊंगा तुझ को,
अब नहीं सहे पाता ये तनहाई।