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V. Aaradhyaa

Action Classics Inspirational

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V. Aaradhyaa

Action Classics Inspirational

नेताजी आज होते तो...!

नेताजी आज होते तो...!

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नेताजी की मां का मातृत्व भी तो जगा होगा,

अपने वीर देशभक्त के लिए प्यार से पगा होगा !

थे हिन्द के सपूत जो , हिन्द की ही थे शान,

हिन्द का बुलंद कर गए नेताजी अपना नाम !


देश प्रेम से भरे हुए निर्भीक,निडर, पराक्रमी,

 कुर्सी के लालची नेताओं से छले गए सुखधाम !

काल तुम्हारे चरण चूमता तुम कालजयी बन गए !

 फिर क्यों साथ काल के जानें कहां बनाया ठाम !


संपूर्ण देश तुम्हारा दीवाना था तुम पर निसारा था,

तो किन जयचंदों के हाथों छले गए तुम अंन जान !

उद्घोष तुम्हारा था जिसमें बहती नहीं रवानी है,

जिसमें देशभक्ति का उबाल नहीं,रक्त नहीं पानी है !


रंगून की धरती से भारत की आज़ादी हित,

 तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा मांगी थी।

यहां लाखों देशभक्तों ने शीश काटकर अपना,

 स्नेह सिक्त माला आपके अभिनंदन को गूंथी थी।


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