नारी
नारी
ऐसा लगता होगा तुमको
पर इंसान अगर समझो मुझको भी
जिसके सीने में भी है दिल
मैं कोई खिलौना नहीं
जिससे सिर्फ बहला जाये
न ही कोई शो पीस हूँ जिसे
घर की खूबसूरती बढ़ाये
न अतृप्त इच्छाओं को शांत
करने का जरिया भर
मैं भी इक कोमल दिल की नारी हूँ
सुलझी पहेली प्यारी हूँ
मैं इक कोमल मन की नारी हूँ