Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rashmi Choudhary

Abstract

4  

Rashmi Choudhary

Abstract

नारी

नारी

1 min
350


नारी हूँ नारी का सम्मान करना जानती हूँ 

कोमल हृदय में चट्टान सा धैर्य रखना जानतीं हूँ 

संवेदनहीन नहीं हूँ इसलिए ममता लुटाना जानती हूँ 

जिन हाथों में करछी (कलछी) है उन हाथों से क़लम चलाना जानती हूँ 


बँधे हो ग़र पैर भी तोड़ के बंधन नभ में उड़ना जानती हूँ 

जो आन पड़े विपत्ति कभी दुश्मनों के ख़िलाफ़ लड़ना जानती हूँ 

कोई भी काम नहीं अब मुश्किल उसको आसान करना जानती हूँ 

कमजोर नहीं हूँ ना अबला नारी हूँ अपने हर कर्तव्य अधिकार जानती हूँ 


मौन रहूँ तो ये न समझना बोलना हमें आता नहीं

ज़रूरत पडे गर तो दहाड़ना जानती हूँ 

कहने को होते दो दो घर हमारे पर

अपना होता नहीं उस मकान को घर बनाना जानती हूँ 


शिक्षित हूँ जागरूक हूँ, करने को प्रकाशित

नारी को उनमें रश्मि सा तेज़ फैलाना जानती हूँ 

नारी हूँ नारी का सम्मान करना जानती हूँ 

 यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract