परी ( गुलाबी रंग)
परी ( गुलाबी रंग)
था इंतज़ार बहुत जिसका
आज वो गोद में हमारी आ गई,
देख रही टुकुर-टुकुर
जाने कौन देश आ गई ,
गुलाबी गुलाबी गाल उसके
गुलाबी हाथ मुट्ठी भिंचे,
लगाया जब सीने से उसे
माँ की ममता छलक आई,
लग सीने से उसने
गुलाबी होंठ अपने चिपकाएँ,
मिल रहा था अमृत उसे
सुकून चेहरे पर दिख रहा था,
जब जब देखती उसको
ममता से मैं भर जाती ,
छोटे-छोटे गुलाबी पाँव
चूम चूमकर जी बहलाती ,
लग रहा था मानो ज्यों
नन्ही परी कोई मेरे घर आई !!